म्हारै पगां मती लाग
म्हारा पगां में सुरग नीं है
म्हारा जूता है
जिका थारी नाप रा नीं है।
वाल्हा!
आपरै पगा सारू काठौ व्है जा
मारग में मूरती बण करुणा री,
उडीकविहीण भाटै ज्यूं
जिकी ऊभ जावै।
म्हैं देवता नी हूँ
म्हारे पगां मत लाग।