कोचरड़्यां मांझळ रातां

कुरळावै ठालीबूली

तपतै पसवाड़ै बळती

मनस्यावां व्हेवै गैली

सीली सारण छाती नै

ओळूं लावड़ली सूंतै

बळद्‌या बोदोड़ा दिन ह्वे

खोजां सूं मन्नै कूंतै

इचरज ज्यूं पसर्‌यां पड़ियो

असळायां ज्यूं भांग्योड़ो

हूं बळूं ईसको ह्वे ज्यूं

दिन पोचां रौ टांच्योड़ो

सै म्हारा तोता दिन बै

छांग्योड़ी डाळ्यां जीयां

हूं सूंनै कांकड़ ऊभी

कीं गिण्या छुरंगा लीयां

मोर्‌या बै छत्तर ताण्यां

नीं नाचै गांव-गुआड़ां

अै किणनै देख्यां चढ़सी

आंख्यां पांख्यां तीं आड़ां

हूं किण गळपोट्यां चढ्यां

झै-झै रै ऊंट्यां कैस्यूं

हूं झेरां रै झपकां में

किण खूंअैं माथो देस्यूं

कै काळ लाटसी क्यांनै

मनड़ै री साखां छानीं

री किस्सी, जोर दिखायां

ल्यै लार रियोड़ी व़ानी

मनड़ै री धोरा धरणी

ओळूंडी ह्वे बग्गूळ्यौ

चोटी नैणै-गैणै तीं

मरमैं भंव चोटै चूळ्यौ

सुख रा रोजड़ल्या चिमक्या

सै भाज्या उन्नै-बुन्नै

हूं चमगूंगो व्हेयोड़ौ

जोवै हो कैठा कुन्नै

सुध कोछी में छापळगी

खिरगोस्यै जीयां व्हेनै

व़नव़ागर ओळ्यूं-दोळ्यूं

नाचै हा ठमका दूयेनै

मिंदर री स्येवा सागै

गंडकड़ा पाड़ै हेलो

कण्ठां गिदगिल्ली चालै

आंख्यां सूं चालै रेलौ

थूं पंज्या गिण अट्ठारा

कैतो ‘ओ हुचर्‌यो अटकै

पटकै व़ीस्यौ, इक्कीस्यै

खिरगोस्यो मूंडै लटकै’

कुण पातड़ल्यां बंवळ्यै री

बांधैलौ पग्गां म्हारै

हूं कीयां छिमछम नाचूं

कुण आसी भाज्यो लारै

कठकोरो कींरौ लाग्यो

गेलै व़ैतां म्हारै

चिमकूं बावड़ नैं जोवूं

सागाळो कट्ठै सारै

बातां में रातां जाती

हूं छाती चिपियां रैतौ

हूं ‘पछै-पछै’ कैनै

बातां हूंकारा देतो

कूबेळयां द्‌यै गोफण में

भाटै ज्यूं वायो मन्नै

सै म्हारा म्हां सूं भाजै

हूं बरनाटा द्‌यूं जुन्नै

टांचा लाग्योड़ी ठोड़ां

ज्यूं गूंद बणै बांठां में

बीयां रिस पीड़ां भेळी

व्हे छंदां रै आंटां में

पीड़ीजूं पोलै कांकड़

ज्यूं ऊंदरिया बिल घालै

कै ओळूं कीड़ीनगरो

मनड़ै नै चूंटै चालै

मनस्यावां लीलौ पालौ

सै झाड़बड़ां रै नीचै

निसरी अणखाणी पायां

ओळूंड़ी ज्यांनै खींचै

मनस्या रै सगपण सारू

सुख साम बुढ़ापो चाल्यो

फिर खोज मुलक में मांड्यां

कुण टेवै आंटो घाल्यौ

हूं किण माचै रै नीचै

व़ड़ लातां मौरां दूंलौ

किस्या हाथां में आतां

नैड़ै पागै लूंबूंलौ

मुलकां रा सै पिछतावां

भेळा व्हे-व्हे नै रोवो

आं गालां माथै बळता

छपियोड़ा बाच्या धोवो

व़ाजो व़ाजां बीं सारू

धोरा धरणी में रमगी

जींरी रागां, कै म्हां तीं

जींरै कंठां बै जमगी

व्हो स्याई चूसां सैंठा

कवियां री कलमां छिकसी

ईं तोतलियै री ओळ्यां

मूंगै मोलां में बिकसी

कज्जावां कण्ठां चेतो

थोथां में सोर भरीजो

अेकर फाटण री मन में

नाड्यां म्हारी सिलगीजौ

आंख्यां रौ सूखै पाणी

कत्ता दिन औरूं रोस्यूं

अै पीड़ां पाच्यां जावै

हूं क्यांसूं आंनै धोस्यूं

गेलै ज्यूं पसर्‌यां लांबी

ओळूं थारोड़ी जद्दै

हूं ल्यूं पसवाड़ा जोवूं

बा तर-तर लांबी व़दै

जे नैण थाक नै लागै

हूं सूतौ वै़लूं थन्नै

कर ल्यूं बावां नै लांबी

कुण लेवै बाथां मन्नै

थां धांस्यां तड़को व्हेतौ

घट्ट्यां व्हैती घर-घर में

अब्बै पसवाड़ा, तारो

रै-रै जोवै बर-बर में

बै सावण री डोकरियां

धुपियोड़ा धोरां चिळकै

ज्यूं मन रा नखल्यां माथै

ओळूं री टीक्यां पळकै

लै चाल खळै में चालां

व़ंग रौ व़ायरियौ व़ाजै

सगळा उफणै आपांळै

पण त्याव छाजलौ लाजै

कुण पढ़ै बंचावै, जागण

कुण घरां दिरावै गावै

सुण व़ास मंड्योड़ी सपता

कुण ऊंट्यै नै झैकावै

कूं सांची सैण जड़ां सूं

व़ाडै जे आवै जोवै

म्हांळी आंख्यां री टप-टप

माथै अै खिलका पोवै

लै टेम दुआरी व्हेगी

हूं व़ंटौ ल्याद्‌यूं थन्नै

चरियां अपड़ाद्‌यूं दू-दू

पाछी अपड़ाज्यै मन्नै

खांडोड़ी गाय उडीकै

नीं रोटी ल्येवै म्हांसूं

लखणां री लाडेसर

ईंनै समझावां क्यांसूं

बो हुचर्‌यो गंडक वूड़ो

व्हेगो ठीडै रो ठीडै

कुण मोरां नै पम्पोळै

कुण कानां 'तू-तू' कूडै

हूं तिरस आंख री सूखा

कण्ठां रौ थूक अड़्योड़ो

जक्कौ गिटण थुंकण रै

कळपूं पचणै पड़ियोड़ो

कुण चोज करै जीमातां

मूंडै रा गास्या देवै

राफां पूंछै, हत्तेळ्यां

पड़ता टेरां भर लेवै

कुण फूंक भरै मूंडै में

दिरवावै म्हांसूं मुक्यां

अब्बै कुण सोदण आसी

हूं क्यांनै बैठौ लुक्यां

कुण खुद रौ स्यापौ म्हारै

माथै मेलै कै ओपै

मन गैळीज्यौ बोदी

बातां थेथड़ नै रोपै

म्हारी आंख्यां रै सामीं

थारौ उणियारौ नाचै

पाटी फूट्योड़ी ओळूं

कक्को केवळियो बांचै

थारै जाबा रै पच्छै

थारौ म्हारौ करबा में

लाग्या सगळा, नीं धापै

धणयापै नै भरबा में।

स्रोत
  • पोथी : ओळ्यूं री ओळ्यां ,
  • सिरजक : तेजसिंह जोधा ,
  • प्रकाशक : सूर्य प्रकाशन मंदिर, बीकानेर ,
  • संस्करण : प्रथम
जुड़्योड़ा विसै