आज मोडियो मूंड मुंडावै, आज ही पड़ग्या ओळा।
ओळा ओळा सो—क्यूं पचज्या, नेता गजबी गोळा॥
राजनीत है बणी द्रोपदी, सासन बण्यो दुसासन।
नंग नागी करै निसरमा, सै मिल ओळा—सोळा॥
नेम—न्याव नै, करम—धरम नै टांग दिया खूंटी पै।
सै मिल रांगड़ रास रसावै, पै'र मिनख रा खोळा॥
जद चुनाव मंडाण मंडीज्यै, राफां छीदी चौड़ी।
उम्मीदां रै बदळै जेवर, भर—भर लेज्या झोळा॥
आडा टेढ़ा भाटा सजग्या, मिंदर में मूरत—सा।
संसद बारै मात सारदा, ले'री है टसकोळा॥
भर्यो पेट में खोट, वोट तो भी ले जावै फेरूं।
सतावां नै ठगनै ले ज्या, रावण बण साधु भोळा॥
सरकारी अफसर अजगर, लोगां रा प्राण सुखादै।
अफसरसाही है सावणियै, हींडै रा हिचकोळा॥
टणां—मणां रो रोब दबदबो, कुरस्यां जमग्या नेता।
सूळी ऊपर टंगबा चढ़ग्या, जन—जन मासा—तोळा॥
राजम्हैल में राजकंवर—सा, आपै मंतरी—टाबर।
और माधिया बेटाबर—सा खिंडग्या ओळा—दोळा॥
मैंगाई री चरचा चेपै, मैंगाई नैं चिरचै।
अठै माधिया भूखा लेवै, सांस आखिरी सोळा॥