गरज रो गोठीयो-
अर-
जोर-जोर सूं हाका कर'र-
कूड़ बोळतां-
बिल्कुल नीं अटकीजे-
मिनखां ने उल्लू बणावण ने
माहिर निकलै-
व्हो'ज सांचो नेता बणै।
स्रोत
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पोथी : जागती जोत फरवरी 1981
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सिरजक : अनुज श्रीमाली ‘भाल कवि’
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संपादक : महावीर प्रसाद शर्मा
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प्रकाशक : राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर