बरसै है पाणी
कठै रिजर्व
कठै जनरल
कोटै ज्यूं
कठै मानखो गळो गीलो करण नैं तरसै
कठै बाढ़ सूं मरै लोग
कठै फसलां पाणी नैं तरसै
कठै जळ-समाधि लेवै जमीं
ओ ई चलण है अबार
फगत फरक इत्तो के
कुदरत कदै रिस्वत लेवै कोनी।