ललकार सुणणी हुवै

का ओळखणी हुवै

जूंझारपणै री परतख कळझळ...

तो देख्या सावळ...

तपतै सिकतै तवै माथै

तांडव।

एक नानकी बूंद रो...

लोप हुया सूं पैली...

स्रोत
  • पोथी : नेगचार पत्रिका ,
  • सिरजक : मनीषा आर्य सोनी ,
  • संपादक : नीरज दइया ,
  • संस्करण : अंक-16
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