यूं राजी-रमळी निरख भलां ईं
थूं इन्नरधनख नै
पण थारै-म्हारै बिचाळै बण्योड़ौ पुळियौ जांण
मत ना व्हीर व्है
औ तौ तणियोड़ी तिसणा रौ मारग
आभा अर इळा बिचाळै
विजोग सूं संजोग बिच्चै नीं
असल में औ मारग ईज कोनीं
अर नीं पुळियौ
आभै अर इळा भागजोग सूं
मिळता भलां ईं दीसौ खितंग पासै
औ आंरौ लखावतौ सांम्हेळौ छै
कोसां न कोसां लग री छेती छै वांरै बिचाळै
थारै-म्हारै बिचाळै जित्ती उणसूं बेसी
फेर थू किस्यौ म्हारौ ठिकांणौ जांणै
थूं जांणै जठै कोनीं बसूं म्हैं
म्हैं तौ आपरी ईंछा री भींतां सूं बण्योड़ा घर में छूं
जिणरी नीं डाकबेल अर नीं नींव
इण सारू उणरौ कोई ठावौ-ठीकौ सरूप ईज कोनीं
हां, अेक निरजन रा खांखरा गोडै छै म्हारौ रैवास
जिकौ फागण में ईज
रगत रा राता आंसू ढाळतौ ओळखीजै
केसुला रा व्हैणा में ई फांक छै
रंग छै तौ सोरम कोनीं
कदास वौ आपरी सोरम नै झुरतौ
आंख री जात रातौ व्हियौ व्है
आपरी बळण में बळतौ अेकलौ केसुलौ
उणरै पाड़ोस में व्हैणौ
सिलगणा रै धरम नै पाळणौ छै
पण थूं तौ
आपरै घर रै तैखाना में बण्योड़ा ‘स्वीमिंग-पुल’ री कांजी छै
जठै पग धरतां ईं तिसळ जावै भूंडेढाळै
समियौ, प्रीत, सांयत अर सपनौ
सुण!
अेक कांजी ईज इन्नरधनख नै मारग बणाय बध सकै
केसुला कांनी
आ इण बगत में अजोगती बात गिणीजै
इणसूं पैली के थू थरकीजै 'धड़ाम' वायवी मारग सूं
अेक धमंकौ व्है छै म्हारै काळजै
म्हारा पड़खच्चा उड जावै
म्हारा अंग पुळिया रै मेहराब री जात तण जावै
अर तण्योड़ा ई रेय जावै
इण सारू इन्नरधनख नै मारग जांण मत ललचाव
केई मारग हालण रा व्है
केई फगत धोखा रा तोत व्है
म्हैं नीं चावतौ थकौ ई बरजूं थनै
के कदैई पांवडौ मत धरज्यै
किणी सतरंगी मारग माथै
कदैई मत गिणज्यै चांद री किरणां नै डिगरां
या सूरज री किरण नै वाट
टाळ देज्यै आपरौ प्रस्थानौ
पण अेक बात रौ खुलासौ कर
कांईं साचांणी थूं वहीर व्हैण री सोचै
जे, हां
तौ थारौ औ सोचणौ ई मोकळौ
म्हारै मुगतर में
आवणौ नीं।