फूलां री मैक ज्यूं

कंवळी मुळक,

मिटा न्हाखै

तीनू ताप माणस रा।

भाखर स्यूं भारी

चिन्ता नै उडाय

न्हाखै,

बावळी पून ज्यूं

टाबर री एक मधरी

मुळक।

स्रोत
  • सिरजक : प्रहलादराय पारीक ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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