होलै-होलै वौ
अठी-उठी डोलै
मांय गोता लगावै
हियै में उथल-पुथल मचै
उणरी हरकत में तेजी आवै।
हवा सूं बातां करै —
मिदर री घंटी
अजान
अेक लय बणावै
फेर अरस क्यूं?
संसार चालै
रामूड़ी कातै
फातिमा बुणै
आखौ मांनखौ पैरै;
गोपळियौ गारौ गिलोवै
ईंट्यां ढोवै
रमजानी चेजौ करै
आखौ मांनखौ रैवै;
मोटियार घोटै बात नै
माथौ धुणै,
आंख्यां चारूंमेर
पसर्योड़ै मांनखै नै निरखै।
बापजी!
फातिमा रै लाडलै नै
त्रिसूल माथै कुण झुलायौ?
रामूड़ी रौ सिंदूर
कुण मेट्यौ?
म्हारी मायड़ सागै
काळौ मूंडौ करण आळौ
कुण?