ओ कुण जावै?
कांई जावै?
मारगू?
कन मारग?
नीं-नीं दोनू ई
अेक दूजा माथै सवार
अेक दूजा रै आसरै
अेक दूजा रै मांय...
जातरा, पड़ाव, थाकेलौ, तिस, बिसांबौ, भूख
धर कूचां धर मजलां..!
ओ हालणौ
कोई हालणौ कद सूं सीख्यौ
इणरौ नीं है कठैई चसमदीठ गवाह
अर नीं ई कोई पिंडत जीवै
जिण काढ्या हा मौरत
अै सकन, मौरत, चौघड़िया
तौ बणाया बणावणहारा घणां दिनां केड़ै...
क्यूं के घड़ी ही आपरी मां रै गरभ में
अर मां ही आपरी मां री कूख
उणरी मां ही उणरी मां में
उण सूं ई पैलड़ी मां ही बाळकी, त्र्भू’ण, ओवा...
ओवा हौ कोसिका रै पेट में
कोसिका ही कउ?
इणरौ खोज नीं काढौ तौ सावल!
आदमी सूं प्रोटोजोवा तांई जावतौ
मारग तौ है ई कयनी
प्रोटोजोवा सूं अठा तांणी रौ मारग
अबै जूनौ पड़-पड़ाय
अलोप व्हैग्यौ...
असल में औ भैम है मिनख रौ
भैम के जिणरै नीं व्है पग
अर पगां टाळ चालीजै कोनीं
पण जे पग नीं तौ पछै
कुण कह्यौ के व्हैय सकै मारग..!
पग सूं मारग
कन मारग सूं पग
आ आडी है
इणनै अठै ई अणअरथायी छोडणौ सावळ...
अमीबा तौ अजै जीवा है
नेठाव सूं
छीलरियै, खाडा में, सरवरां
मिनखां री आंत-औभरी माचतौ
औ कांई अड़दू है
गरभ
जिकौ जुग-जुगांतरां जूनौ आदू ठायौ
मादा देह रौ छोड
अठै-अठै सगळी ठौड़ ऊगण लागौ है
आदमी आयौ अमीबा री कूख सूं
अर आज औ अमीबा
हाकां-धाकां
जम्योड़ौ बेठौ है
लुगायां री जोड़ा-जोड़
महदां रै पेट तगात
इणनै कुण बतायौ अठारौ मारग?
अवौ
सोचां घड़ी दो घड़ी
के वाळ्हा चालता-चालता
कीकर बण जावै नदी
अर नदी बैवती-बैवती कीकर
बदळ जावै नेहरां में-वाळ्हा जात...
पगडांडी दौड़ती-दौड़ती
बांथ घाल लेवै मारग रै
मारग आखड़ परौ'र पड़ै
जमीं माथै
अर किरच किरच व्हैय
पगडांड्यां ई पगडांड्यां बण जावै!
सांस लेवता डीलां में
औ नेनी-मोटी रगां रौ गूचळौ
जाडी-पातळी रगत सू हबाबोळ
रगां
अंवळी-संवळी दौड़ती देह में
भेळी व्हैय सुप्रा केवा बणै
अेरोटा पूग
पाछी बावड़ती
न्यारी-न्यारी फंटै’र बट जावै
पातळी-पातळी रगां!
इण कळा रा खोज कठै
जिकी करै है हाकां-धाकां
निजरा सांम्ही
धोळै बोपारां
अेक रा इक्कीस
अर इक्कीस रौ अेक
मारग...
जांच बिठावणी चइजै
इण
पीवण रै पांणी नै मूत रै गेलै घाल
अर मूत नै पाछौ
पीवण जोग बणावता
मारग री
अेक सावचेत पड़ताळ री दरकार
के क्यूं कोनी इणमें लिंग भेद!
डांडी सूं बणती मारग
मारग सूं बणती डांडी
क्यूं है दोनू अेक रा अेक!
अपां कांई जांचां
जांचै तौ माहग है अपां नै
वौ
पतवांण लेवै अदेर पगतळी री छाप सूं
के मारगू जातक माथै
किण-किण रौ कित्तौक भार...
मारग पतवांण लेवै खराखरी
सिधावणियौ
खिंड्योड़ौ है मांय सूं के साबूत
पोली है के निगोट
बोझाळू है के फारक
पापी है के धरमातमा
कन है ई खरी के नीं इणरै आतमा..!
मारग कोनी व्है
खाली-माली वेइंग मसीन
वौ अंगूठा रै उठाव सूं ई
ओळख लेवै अजेज
के कित्तीक लांबी भांय रौ भरतार है
मारगू
मारग नीं व्है पागी
जिणसूं कांई व्है
वौ जांणळै हथिकी
के हित्यारा रौ फाबौ कित्तौक टिकै उण माथै
अर कित्ती ताळ
अध्धर रेवै बायरा में
जबर-जीना करण जावता
मरद रौ पावंडौ!
मारग नीं बतावै
तौ कांई व्हियौ
वौ सब जांणै है...
मापह रै ई साल्है पीड़
बूटां री खड़ताळां-नारंगियां रै
आघातां सूं नीं
वौ इज जांणै
कित्ती अर किसी पदघात सूं
किचरीजै उणरौ काळजौ!
वौ अणजांण भलां ई व्हौ
परम्युटेसन-कांबीनेसन री थ्योरी सूं
अेकदम खरौ हिसाबी व्है
मारग
हरमेस।