तीन भांत का

पांख सज्योड़ो

मोरियो

जीवण-जातरा का

ही है तीन पड़ाव।

माथै सोवती

किलंगी

सुखां ऊं

भर्‌योडो बालपण

सुरंगी मोवणी पांखां

इंदरधनखी जवानी

अर

सलेटी पंजा

बुढ़ापो।

स्रोत
  • सिरजक : अंजु कल्याणवत ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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