थूं दूर खड्यो मुळकै

देख

आं टाबरां कानीं देख

दो दिनां सूं

टसकै टीकड़ां सारू

अेकर आज्या रे चांद!

आं भोळाभाळा

अर भूखा

टाबरियां रै हाथां में

रोटी रै मिस

बस ओकर आज्या

टाबर

रूप हुवै भगवान रो

अेकर आय'र बिलमाज्या

अेकर आज्या रे चांद!

स्रोत
  • पोथी : मंडाण ,
  • सिरजक : दुष्यन्त जोशी ,
  • संपादक : नीरज दइया ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ,
  • संस्करण : Prtham
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