आज

मिनख बण रैयो है

विज्ञान रो पुरजो

तकनीक रो रोबोट

बै गुमाय दी

दरसण री-दीठ

भावना रो-मन

चिंतण रो-चित्त

कल्पना रो-काळजो

धरम रो-हेत।

बो-रचै

अेटम रा सूत्र

जींस रा जाळ

क्लोन रा कायदा

स्टारवार रा फंदा

राजनीति रा चंदा

धरम रा धंधा

जुध री ज्वाळा

शोषण काळा।

बो नीं बुण सकै

जीवण रो संगीत

परेम री कविता

मिनखाचारै रा गीत

मिनख है कै

मिरतु रो देवता।

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुनियोड़ी ,
  • सिरजक : लक्ष्मीनारायण रंगा
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