मिनख रा जाया नै ढांढा ज्यूं लड़तां देख

डारविन अर हैरीडीटी री काट कोनी लाधै!

जणां ही केई लोग

गादड़ा, गंडकड़ा, लूंकड़ा अर गिरझड़ा सूं

घाट कोनी लाधै...

तो केई लोग

आकड़ा धतूरा थोर अर बांवळियां सूं

ऊपरलै पाट लाधै

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुनियोड़ी ,
  • सिरजक : भंवरसिंह सामौर
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