अेक मिनख है

बैठ'र खाज खिणै

अर आपरी काख सू

अेक जूं काढ़'र मार दै

कांईं इण बगत ‘मनोविस्लेसण’ माथै

बात करणै रौ कोई अरथ व्है सकै?

दूजौ मिनख म्हारी छाती माथै

मुक्कौ मार दियौ,

कांई म्हैं किणीं डाक्टर कनै जाय'र

सुकरात माथै तर्‌क करूं?

अेक लंगड़ौ मिनख

अेक नैना टाबर नै स्यारौ दियौ

कांईं अबै

आंद्रे ब्रेटन नै पढणौ जरूरी है।

अेक मजूर डागळै सूं पड़ जावै

अर लोगां रै सिरावण री बगत सूं पैली

मर जावै

बगत कांईं किणी नुंवै छंद के राग रै

सोध-संधारण रौ है?

अेक लूलौ पांगळौ मिनख

खुंअै माथै पग धरनै सोवै

कांईं अबै म्हैं किणीं सूं

पिकासौ बाबत बात करूंला?

स्रोत
  • पोथी : परंपरा ,
  • सिरजक : सेसर वायेखो ,
  • संपादक : नारायण सिंह भाटी ,
  • प्रकाशक : राजस्थांनी सोध संस्थान चौपासणी
जुड़्योड़ा विसै