म्हैं परेम करियो

मुरधर नै

उणरी रेत

म्हारे काळजे

बसै है

सांची-कांची।

मूरधर री रेत अर् म्हारी

तिरस एक जैड़ी है

कदे'ई नी मिटे

जिण दिन मिट जावैला

उण दिन म्हैं म्हैं नी रेवूला

अर मुरधर मुरधर नी रेवेला

सब अलोप व्है जावेला।

स्रोत
  • सिरजक : दिनेश चारण ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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