रंग बिरंगी पागड़ी, बात करै गंभीर।

मूंछ मरोड़े स्यान सूं, राजस्थानी बीर॥

आन बान अर स्यान छै, देखो यांकी रीत।

पग पाछे कौने करै, राजस्थानी मीत॥

साड़ी कोटा डोरिया, गरम कचोर्‌या खास।

मोटा देखो सेंवड्या, सात अजूबा पास॥

स्रोत
  • पोथी : सबद निकाळो तोल ,
  • सिरजक : अनिता वर्मा ,
  • प्रकाशक : सूर्य प्रकाशन मन्दिर, बीकानेर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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