कूमटिया मोठ बाजरी
खाकर तो देखो!
म्हारा देश में मान घणों है
आकर तो देखो!
ऊंचा टीबा मुखमळ बाळू
भाखर तो देखो!
चिरमी घूमर गीत फागरा
गाकर तो देखो!
लदकद गेणां नार
मरद मुंछ्यांळा तो देखो!
काण्यां घूंघटा काढ
देंवती झाला तो देखो!
मीठोड़ी मनवार पावणां
बणकर तो देखो!
मेळा तीज तिंवार
गीतड़ा सुणकर तो देखो!
सोने जेड़ी रेत ऊजळा
धोरा तो देखो!
पिणघट अर पणिहार
तीज गणगोरां तो देखो!
गढ किला अर कोट
ठिकाणां ठाकर तो देखो!
मोती उगळे रेत
बीज थे नांखर तो देखो!
मेड़तणीं रा भजन भाव सुं
गाकर तो देखो!
करमा बाई रो खीच प्रेम सुं
खाकर तो देखो!
गलता पुष्कर कोलायत में
न्हाकर तो देखो!
रामापीर रुणीचा धोक
लगाकर तो देखो!
जौहर रा सैनाणं
रेत रो रगत रंग देखो!
उडता रंग गुलाल
बाजता ढोल चंग देखो!
मारवाड़ मेवाड़ र
शेखावाटी तो देखो!
मुंडे आवे ताळ
चूरमा बाटी तो देखो!
माटी में सिंदूर थे
तिलक लगाकर तो देखो!
कण कण में इतिहास
मंड्योड़ा आखर तो देखो!
घर घर कान कुंवार
खेत में हळधर तो देखो!
तिवाड़ी रो देश
सुहाणों मरुधर तो देखो!