नैण सूं मिलै नैण रै, पीव जी होय पास।

होस कांय'रो होवसी, रंगीजै प्रेम रास॥

पैली देखण पीव जी, नित रा तरसै नैण।

बेघा आवो बाळमा, रुखी लागै रैण॥

बालम हुओ बावळो, गोरी छोड़ गवार।

परदेस बैठ पीव रै, सजा किणै सिणगार॥

सूणो लागै सोळमो, साजन बिन सिणगार।

साजन रैवै साथ में, सोवूं बिन सिणगार॥

पिव बैठा परदेस रै, हिये घणो छै हेज।

दिन रेण कटै (ज्यु) मास रै, कागज बेघो भेज॥

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : रामाराम चौधरी ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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