म्हे आया अकल बतावा नै, जनता रौ राज जमाबा नै,
राजा देख समझली सगळी, रीत-भांत रजवाड़ां री,
सैंग ढोल में पोल भरी है, धूम मची है धाड़ां री,
धाड़ेत्यां नै धमकाबा नै, म्हे आया अकल बतावा नै।
बड़ा ठिकांणा जोर जतावै, करै होड़ रजवाड़ां री,
माडांणी महाराजा बणग्या, चाल-ढाल सब भांड़ा री,
बड़पण रौ बैम मिटाबा नै, म्हे आया अकल बतावा नै।
मोटा अफसर लिवी मोटरां, अधबिचला घोड़ा राखै,
छोटां रै आटै रौ घाटौ, रिसवत खाय धांन चाखै,
भवसागर भेद मिटाबा नै, म्हे आया अकल बतावा नै।
कांमेती, कणवार्या, भांबी, राखै ठाट नबाबां रा,
चवड़ै चालै, चाल मुसद्दी, पड़दै किरतब काबां रा,
पड़दां नै परा हटाबा नै, म्हे आया अकल बतावा नै।
सूम सेठिया बण्या सयांणा, लोई चूस मजूरां रौ,
अेक अेक रा कर इक्यावन, सार सूत ले सूरां रौ,
बोहराजी नै भिड़काबा नै, म्हे आया अकल बतावा नै।
जोसी, पंडा और पुजारी, पीर पादरी साध जती,
नित-नेमां रा नखरा राखै, फूट-झूठ सूं फिरी मती,
अणभणियां अकल उपाबा नै, म्हे आया अकल बतावा नै।
खेड़ा सै खड़वा वाळां रा, संपत सैंग मजूरां री,
राज हथोड़ै दांतड़ली रौ, बीती बात हजूरां री,
सूतोड़ा सेर जगाबा नै, म्हे आया अकल बतावा नै।