व्हेलौ व्हेलौ गाज्यौ घणौ

अेणा पूठै वर्‌‌‌यो घणौ

बोस्ये डोळा लावी दीधा नै

अवै जाणै केंम पड्यौ काठौ

पैल पैल आस जगावी

फाटी दुगडियें खूब हंदावी

रिसायी नै नाट्यौ छैटी

आवो बाबा तमने लावू वधावी

मेह बाबा तू म्हैर कर

भर्‌यू पुरू म्हारू घोर कर

वळी जा आजै टैम माथै

लीलू ताजू आजै फेर कर

तारे वना रोटला होना

तारे वना ओंटला होना

कोठिये अर कबलँ पोंसँ

तारै वना पोटला हौना

कास्तकार नीं वात राखी

ढांढँ चौपं नी लाज राखी

आवो व्हाला म्हारा मेह बाबा

म्हें तारा’ज नाम नी आस राखी

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : राम पंचाल भारतीय ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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