खातीचिड़ा री टूंच

देवै तीखा तचेड़ा

किणी हरियल रूंख रै

अर सांम्ही इज उणरै

बुलबुल उगेरियौ है

मीठौ गीत

किणी बळियोड़ै ठूंठ

अजाण इणसूं कै

टूंचां करै है तै

रूंख रा रस नै

जद इज तौ

बणगौ है वो ठूंठ

अर नीं करै भरोसौ

किणी मीठा गीत रौ

नीं ओळखै रूंख

खातीचिड़ा कै बुलबुल नै

वो ओळखै फगत

टूंच नै

पण तौ बुलबुल

म्हारी मान

मूंडौ मती उतार

गायां जा

मीठा अर मीठा गीत

अेक अेक दिन

जरूर सरसैला ठूंठ

थारी मीठी तान सूं।

स्रोत
  • पोथी : आळोच ,
  • सिरजक : डॉ. धनंजया अमरावत ,
  • प्रकाशक : रॉयल पब्लिकेशन, रातानाडा, जोधपुर (राज.) ,
  • संस्करण : प्रथम
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