माटी, माटी सूं बात करै
माटी, माटी सूं हेत करै
माटी, माटी सूं लड़ै-भिड़ै
माटी री भासा मांय!
तूं बीं बात नै क्यूं अरथावै
थारै ढब सूं!
माटी रा खिलारां मांय
आत्मा री नकेल क्यूं घालै?