म्हैं कैयो बापू नै-

''म्हैं लेवणो चाऊं चांद हथेली मांय

खेलणो चाऊं फुटबाल ज्यूं!''

बापू ल्या'र दी गुड्डी

अर बोल्या-

''खेल ईं सूं!''

अेक दिन फैर म्हैं चांद मांग्यो...

सजावण खातर माथै पर

बापू सजा दियो

लाल रंग माथै ऊपर!

अैनाणी है

बीं रै होवण री

मैं आखी उमर ढोऊं चांद

माथै ऊपर सुपना..!

स्रोत
  • सिरजक : प्रियंका भारद्वाज ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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