टाडै खड़्यै

जूनै नीम री

खज्यौड़ी सूखी निमोळी

म्हैं तोपी ही

ओकळू रेत रै साथै

पोटै रो घोळियो कर'र

मांयलै पळींडै

रुड़ै घड़ै री ओट

पण कांई ठा'

कांई हुयो

पळींडै री सीली माटी

बतावै नीं म्हानै

म्हारी गुठली री ठौड़।

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : देवीलाल महिया ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी