अेक


बाळपणै सूं लेयर
बिदा होवण तांईं
ओळ्यूं रै आसरै
टपावै टेम

कठै जाई
कठै परणाई

पण बेटी कियां हो सकै
पराई।

दोय


बेटी
जद जलमी
तद
थाळी बाजी
घर में

बेटी
पळी
बेटै दाईं
घर में

पण
बेटी रै
ब्याह पछै
मा-बापूजी
रीत निभाई

बेटी री
करणी पड़ी
बिदाई।

स्रोत
  • पोथी : थार सप्तक 5 ,
  • सिरजक : ऋतुप्रिया ,
  • संपादक : ओम पुरोहित ‘कागद’ ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन, जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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