बा जळै आप ही तावड़े में
चाले काँटा पर
तपती बाळू
पगां उभाणे
तिरसा सूखा होठां
भर ल्यावे दो घड़ माट
मीलां चालै
खावै चोट तन पर मन पर
फेर बी जोवै
साँझ रो दिवलो
घर री खुसहाली खातर
आप रैवै भूखी
पर बणावै तीज-तिंवार
मीठा पकवान
आपरो जीवण थार सो
पर बणावै खुद खातर
मरुवन!