ठेट नंन्नण, गौरां रै घरै

पढतां पढतां आई अक्कल

गुलामी री गुळगांठ खोलणी,

इन्याव रा वैहता वाहळा नैं रोकणौ

भारत रा मांयला मन सूं

डर रौ डाकी बारै काढणौ

नांमी अस्तर सस्तर रा राज नैं

गैडी रौ गरौ बताणौ

आखी दुनियां में गौरां रा डर नैं

भांगवा करियौ खैंकारौ

टांकिया खौळा,

चेतिया भारत रा अणभणिया भौळा

अंग्रेजां रा अखी राज रै

खै सारू बजायौ शंख,

वसुधैव कुटुंबकम रै कारण

ऊठाई सत्याग्रै री सांग

वगत री पकड़ी नश,

बाबौ अफ्रीका में जाय अड़ियौ

गौरां रौ गीरबौ गाळवा,

डोकरियौ झाली, सत्याग्रै री डांग

बाबा रौ डी'ल-डांग तौ हळका,

संकळप सैंठौ धारियौ

अटळ आडावळ ज्यूं अड़ीखंब

सत्यमेव जयते, सत्यमेव जयते, सत्यमेव जयते

धरती ज्यूं थापन सांच'क

सांच नैं कोई आंच नीं आवै

सांच समै री समझ में आवै,

सांच समै नैं समझावै

केई राज आवै अर केई राज जावै,

पण सांच सबनै समझावै'क

सत्यमेव जयते सत्यमेव जयते सत्यमेव जयते

इण अटळ सत री आश,ऊगेरी आजादी री राग

रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम

जोड़वा भारत भाव नैं, तगड़ौ दिरावा ताव,

भारत री रग रग में, रमाई आजादी भाव री भबूती

अपमान रा आडा री आगळ खोलण री खेचल करी

चंपारण में चेताई धूंणी,

भारत रा भोमिया करसां री, पीड़ नैं परगटी

अंग्रेज राज री कूनीत रौ कारनामौ उघाड़ियौ

प्लेग सूं डरियोड़ां रा दुखड़ा नैं दूर करवा

ऐमदाबाद में सेठां री सैंठाई रै सांमी

मजूरां रौ मान बधायौ

अठारै रै बरस पटेल री पटेलाई में,

खेड़ा में गोरां रौ खड़जितर खोलियौ

थाकल करसां रा वळू बंधिया

अंग्रेज रोलेट रौ लट्ठ,

आजादी रा भाव री कमर भांगवा लायौ

गांधी बाबौ, करी हड़ताळ री हाकल,

गौरां नैं करी धाकल

रोलेट रौ रौळौ बधगौ,

बाबा री बात मान, लट्ठ ऊठा लिया लोगड़ा

जद जाळी भूरिया जळियांवाळौ जाळ करियौ

असहयोग री आखड़ी सूं,

नालायक अंग्रेजी राज नैं नकारियौ,

ला'ट रा लट्ठ राज नैं वकारियौ

दांडी मार्च में, कुलखणा गौरां नैं,

लूंण री गैडी सूं घेरिया

बाबौ बताई अहिंसा री आंख

बापू रौ गांम दरसण,

सुतंतरता रौ सार समझावै

आजादी नैं अरथावै

रचणहार कवेसर

स्रोत
  • सिरजक : राजेंद्र बारहठ 'संवळीसरण' ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
जुड़्योड़ा विसै