बापू

थांकी लाठी की

ठक-ठक सुण'र

अंग्रेज

छोड़ग्या मुलक!

गैल सूं भटक्या

लोगबागां के लेखै

दो आंख्यां छै

थांकी लाठी।

स्रोत
  • पोथी : बापू-अेक कवि की चितार ,
  • सिरजक : ओम नागर ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन,जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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