मळकती चांनणी रा आकळ मोह ज्यू

पिळू पिळू अंतर- भरी रूप-तळाई माथे

तिरै थारो प्रीत रौ सतरंग लैरियो

जिण में झीणो झीणो झांकै है

काजळिया नैणां रौ सम्मोहण जाळ

नागण वेणी री लय लहरणी में

सुरां'ळी रंग रळी रौ रळाव

सुरत सरोवर डोव डोहण नै

हीजरतै: हिये रौ बारण' बंध आफळे।

स्रोत
  • पोथी : मिनख नै समझावणौ दोरौ है ,
  • सिरजक : नारायण सिंह भाटी ,
  • प्रकाशक : पंचशील प्रकाशन
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