नौ महीना

म्हारी धरती अे अती

नै म्हारो अंगास भी,

म्हारू मगज अे अतू

नै म्हारू डील अे

पछै कुंणे’क क्हे

के तारे बल्ले म्हूं वधारै के तारी मां

तौ म्हारे हुं जवाब आलवो

केनेय थकी वधारै

म्हूं न्हें

अैणं थकी वधारै

म्हारे बल्ले हुं थई सके?

स्रोत
  • पोथी : अपरंच ,
  • सिरजक : हर्षिल पाटीदार ,
  • संपादक : गौतम अरोड़ा ,
  • प्रकाशक : अपरंच प्रकाशन
जुड़्योड़ा विसै