जद ऊं मैं समझ पकड़ी

देखी मां नै थापता कीं कीं

गोबर थापता बटोड़ै मांय

मा कठै नीं रैवण देवै थोथ

केवै—''थोथ कर देवै बटोड़ै नै नास!

अेक मेह नीं झेलै थोथो बटोड़ो।''

थेपड़ियां री किनोर

ऊंचाई, लम्बाई अर गोळाई रच बसगी मा रै हाथां मांय!

कदै नीं होवै मां रो अंदाज गळत

गोबर थापती बटोड़ै पर मां

बणावै मांडणा अर डिजाइन गोबर स्यूं

आखी उमर गोबर थापती मां

थापती रैई सगळो घर रीत अर प्रीत स्यूं

बणावती रैई मांडणा!

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : प्रियंका भारद्वाज
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