बै केवै-

थे कत्ली हो.!

कर देवो कत्ल

नैणां सूं।

नैण...

मारग है

हियै उतरण रो

प्रीत वरण रो.!

नैण...

ताकड़ी है

मोल करण नै

प्रीत पंसेरी

तोल करण नै।

अब थे बोलो-

डरपूं इण मारग सूं

जोऊं ताकड़ी री काण.!

का फेर-

प्रीत रै बैण

मिलाऊं नैण

लिखदयूं आपरै नांव

भळै अेक कत्ल..!!

स्रोत
  • पोथी : चाल भतूळिया रेत रमां ,
  • सिरजक : राजूराम बिजारणियां ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन,जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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