गांव मांय वा दुकांन है

जठै मिल्या आपां पैलीबर

अर मिल्या करता पछै कदै-कदै

अबार अठै कम्प्यूटर सेंटर री ठौड़

कोई किराणा स्टोर है

जिण रै काउंटर माथै

भांत-भंतीली चाॅकलेट, टाॅफियां

अर दूजी चीजां हैं

पण नीं है उण मांय

पीळै रैपर वाळी एल्पेनलिबे

अर नीं थूं दिखै वठै

भूणियै वाळौ रिपियौ लियां ऊभी

दोय एल्पेनलिबे सारू!

म्हैं वठै थन्नै

हेरूं रिंकी टेलर!

गांव रै बारलै पासै अेक स्कूल है

पण म्हारौ स्कूल नीं

इण मांय नीं म्हैं कदी पढ्यौ

अर नीं कदै बेरोजगारी रै दिनां अठै पढायौ

बस कदै-कदै अठै थन्नै देखी

अर खुद नै जीयौ!

हां, इण कन्नै सूं निसरता थकां

आपूंआप इण कांनी भाजै निजर

अर स्कूल रै उणी बरींडै

बाखळ अर छोटै-छोटै कमरां मांय

थन्नै हेरै जाबक अणमणी अर बेकळ

बठै केई चिड़कल्यां दापळी बैठी हैं

टाबरां री पोथ्यां रा फाटेड़ा पानां फड़फड़ावै

हादसै रै धक्कै चढ़ कागदां रा कीं झ्याज बठै है

अर केई रद्द हुयेड़ी उडांण है,

थूं तौ अठै-कठै उछळती

कुदड़कां मारती ही रिंकी टेलर!

थूं बता!

उण खेलण-खावणै री उमर मांय

हणमांन मिंदर री आरती सूं

म्हारौ कांई लेवणौ-देवणौ हौ

पण जे भगवांन है तौ

वै म्हारै इण छळविहूणै छळ नै

मुळकनै माफ कर देसी

कै घणौ कीं नीं मानतां-जाणतां

रोजीनै सिंझ्या री आरती मांय

म्हैं ठीक थारै अड़ूंअड़ ऊभनै

बरड़ावतौ हौ कोई पराथना

म्हैं अजै वीं मिंदर रै बारै

म्हारी बांथ री माळा लेयनै

थारी उडीक मांय हूं देवी!

अठै है कै वठै है थूं

नीं है तौ पछै कठै है थूं

कै पछै म्हारी आंख्यां री हेर सूं अलायदा

उणी दिनां मांय अटक्यौ म्हारौ हीयौ

अेकल ठीयौ है थारौ।

मंदिर री आरती-घंटियां

स्कूल री पराथनावां

घरां रै रोळैरब्बै

गळियां रै मूंन

अर दुकानां री चेळ मांय

फिरूं हेरतो एल्पेनलिबे री कोडावू

बीं दुबळी-पतळी-सी रिंकी टेलर नैं

जिकी उणियारै मांय कठै डूंगी धंसेड़ी सी

खुद री आंख्यां नै सपनां सूं चिलकावती

खुद रै हाथां नै उछाह सूं हलावती

नकल मांय मुंडौ चिगावती

चाली जावै है खुद री मौज मांय

कांई उण आंख्यां हाल

बचाय राख्या हैं वै सपना

कांई अबार बात-बात माथै मटकावै आंख्यां

करै अळबाध, चिगावै मुंडौ

जे अबार कठै मिली तौ मिल सकैली थूं

उणी मौजगारी कुचमादां अर

उणी भोळी, अचपळी मस्तियां साथै रिंकी टेलर?

स्रोत
  • पोथी : रिंकी टेलर ,
  • सिरजक : कुमार अजय ,
  • प्रकाशक : एकता प्रकाशन
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