म्हैं कोई रमेकड़ौ नीं चाबीवाळौ
जिकौ नीं जांणतौ व्है मरजाद
म्हैं जीतौ-जागतौ मिनख छूं
जिकौ नीं फगत
बणाय सकै मन बिलमावण रा साधन
बणाय सकै
नाचता-कूदता, हिलता-हांसता मिनखां रा रमेकड़ा
पण जद पूछूं
आपरी आतमा सूं
के म्हैं कांई छूं
म्हनैं कोई पडूत्तर नीं मिळै।