बेटी ही पण म्हनैं

बेटौ कैय'र मान बढायौ

भाटौ आयौ सिरदारां

थारै रावळै

इण बात नै

लिछमी रौ

अवतार बतायौ

दादीसा री बातां नै

आखियां रै मोतियां सू

बारै ढाळी

थारी पीड रौ

बंटवारौ करसी

कैय'र मां नै

थयावस बंधवायौ

दादोसा रै सांमी

सगळा बौळा रैय जावंता म्हारै सारु चुप्पी तौड़ी

म्हनै भणाई

घणै कोड सूं

पिणघट रै

खैतां रै

गेळै सू टाळ

पौसाल री डांडी

दिखाई म्हानै

बैवणी रै

आसै-पासै

जिंदगाणी है लुगाई री

इण सोच सूं अळग

म्हारै हाथां मांय

कलम री ताकत

झलाई

बेटी ही पण म्हनैं

बेटौ कैय'र मान बढायौ

स्रोत
  • सिरजक : सुमन पड़िहार ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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