सुणो हो के!

राजनीति कै

गोद जातां-ई

टाबर

बोछरड़ा

कैंयां हो ज्यावै?

स्याणी!

राजनीति

कसमखाणी सुहागण है,

आं को

ही

असर

बेटां में

आवै है।

स्रोत
  • पोथी : सुण स्याणी ,
  • सिरजक : भगवती प्रसाद चौधरी ,
  • प्रकाशक : रसकलश प्रकाशन
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