वो भाई—
जो सींमाड़े रा बरफ में बंदूक लियां जागै है
बैणां रा सुहाग रो सांचो रखवाळो है,
वो भाई—
वां बेमतलब बैरी रा हमला ने
करड़ी चट्टान बण रोकेलो
जो कालै, कै परस्यूं—
वां पार सूं आणेवाळो है।
सूं-सूं करती बरफीली रात में
तिल-तिल वां रै गळणै सूं—
म्हारे उदास दिल में
दरद रो अेक उबाळो है,
अरे वां रै ई अंधेरा सूं टकराणें रै बळ पे तो
आज ई देस रा कोणा-कोणा में उजाळो है।
अे उजळी पोसाकां इण
इतराणो झट भूल जावै तो चोखो,
नींतर—
भगवान जाणै ईं देस रो
इब कांई होणे वाळो है।
कुणियां रै पाण
ऊंधो लेट’र निसाणो साध्यां
जीं रै अंगा सूं रगत छळक आयो है-
वां भाई ने—
अणदेख्यो कर, भूल कर
वां रै ई बळबूते सूं प्राणां रो बीमो भर
थैं अे धोळी टोपियां लगायां घूमो हो!
वो भाई—
बैरक री गीली माटी में जाग्योड़ो
संगीन ने सीने सूं चिपटायां
आपणां लगन री बीती रात ने याद कियां करै,
पण थैं?
थैं तो पो री फूलां जेड़ी इण गुलाबी यादां ने
घिस-घोळ ने पियां पाछै—
कठै किण डाक बंगला मांई सूता,
मद माता—
स्कोच री बोतल’ ने काल गर्ल रो इंतजार करो हो।
अेड़ी मदमाती कलोळां कर्यां पाछै
थैं तो वठैई—
आप रै गुँडाई तत्वां रै बीच बैठ’र
गरीबां रा वोटां ने
समेटणे री योजना माथै विचार करो हो।
थांने कांई भी सुध कोनीं
कै उणी'ज बगत में—
सींमाड़े रा बरफ में जाग्योड़ो
बैर्या ने राइफल री रेन्ज में बांध्यां
वो भाई—
थां री इण करतूतां पे
घणी गैराई सूं बिचार करतो रैवे।