थारी ई अकल औ उजास
म्हारै ई पोतै औ ऊजळौ सांच।
लाल किलै चढ’र सलांमी लेवण
म्हनै ई झंडौ बणावै
अर उधेड़ण
म्हारै ई मां जाया री चांम
सागै ई हाथां झेलाय’र कांम
विधि सास्त्रां
हवालात उगावै
थूं!!
के छांन छांवण आपरी
धाप’र कळाप करै
म्हारै ई कानां मंत्र फूंकै
अठै तांईं
अेवड़ रौ अेंवाळियौ बण
म्हनै ई लरड़ियां में हांकै
हाकै ई धाकै
म्हनै ई नारां में उछाळ’र
म्हारी ई आंख्यां अर होठां नै सींवै
गांधी बाबै री जै बोलै
थूं!!!
तौ कदै ई
म्हनै ई मिंदरियै थरप
भर गाडा उलाळै
सागै ई हाथां छप्पन भोग लगावै
जमांना नै जगावण जागै
जमा-जागण दिरावतां
रत जगा काडै
आं सागै ई हाथां
पूरै संख
अर पूजै
म्हारी आरतियां धर आरतियां उतारै
तौ कदैई
आपरै पितरां रौ सराद मनावण
म्हनै
दरवाजां अर मेहराबां लटकाय
कागलां नै न्यूंतै
थूं!!!
तौ कदै ई
म्हारी ईं भोळप नै भांगै
म्हारी नस-नस नै निचोड़ै
अर म्हारी ई नसां उतरतोड़ौ
म्हारै सूं निथरै
तौ कदै ई
म्हारी ई आंख्यां में रातोड़भर
म्हनै ई सूंप देवै
अेक अदीठ जुद्ध
आपरै सुपनां नैं पूरण
दै’ सत उगावतोड़ौ
थूं!!!
तौ कदै ई
सांति पाठ रै मिस
म्हनै पिंडत बणाय लेवै
म्हनै ई म्हारै सूं बारै करै
आपरी जाजम जमावण
आपरी आंख्यां में अळूझतोड़ौ
बेमन आहूतियां भरै
अलोय-अलोय अरोगण अर
अंवेरण उछळ कुडौ आप
आपनै अपवित करै धाप
इतरायां इतरौ
इतरा-इतरा
म्हारा कितरा-कितरा
रूप घड़ै है
थूं!!!
अठै तांईं म्हारी आंतड़ियां में
भूख वावै
अर उणमें सदभाव उगावै
पीढ़ियां रौ दाळद मिटावण आपरौ
म्हारै ई दुख रै सैजोड़ै
सातूं सुख जोड़तोड़ौ ऊभै
पूरण आपरी सवाई आस
हुय’र अेक सांस
म्हनै ई पैरावै वागौ
अर
धकली ई दांण
पाछौ कर देवै नागौ
माळी-पानड़ियां चेपण अर
उतारण मांय
इतरी-इतरी कितरी-कितरी
महारत हासिल है
थूं!!!
आपरै फाचरै आयोड़ी
बातां नै अंवेर
देर-सवेर
म्हनै ई लाचारी रा भाखर ऊंचाय
मुळकतोड़ौ
जीभ पण आपरै होठां फेरै
होळै-होळै
म्हनै ई बुचकारै
तौ कदैई
सूरज बण
जीवण-रथ री रासां फणकारै
आ जांणियां के
भाग फाटी री वेळा
रिजक बांटैला
म्हारौ ई मन हरियौ कचन व्है
पण
दिन रै आथमियाँ
आंटै धर आंटै
काच धर काच बतावै
अठै तांईं
सातूं ई सिंझ्या
निरंध आंधौ व्है उतरै
घोर अंधारौ धारियाँ
आपरै ई आपै खातर
म्हारै हरियल सुपनां नै
जोरा मरदी चोरै
थूं!!!
म्हैं ई
थारी ईं आंख्यां नै भणतां
अरड़ा-अरड़ा रोवतौ रैय जावूं
मन नै समझावूं
कैवूं तौ किणनै कैवूं
हिड़कियोड़ी इंछावां रै ओळावै
भुरट उगायां
म्हारै मन-खेतर
कोरी नफरत राळ दी है
थूं!!!
जांण लियौ है म्हैं
जांण लै
म्हारै सूं ई है थूं
म्हारै ई बूतै
थारी आ मिनखा जूंण
पतांण लियौ है म्हैं
थारौ औ बावनियौ रूप!!!
रे बावनिया!
अबकै आवजै देखांणी
म्हारी ढांणी
अमल गळावण
आजादी रो?