थारी धांसी री गूंज
म्हारी कुपाळी रै हर खूणै अड़थड़ै
थारी धोळी अर तिर्योड़ी आंख्यां
ज्यांरै झिरोखै वगत नै निरख्यो हूं म्हैं
वै आज मूंदीजण आळी है...
म्हैं देख्यो हो थनै
दादा ठाकर रै घोड़े री मोहरी झाल्यां
उण बैसाखी वगत पासै
थारी जवानी नै पसवाड़ा फेरतां
म्हैं देख्यो हो थनै
उणी घोड़े री लगाम रै
उठाव-निचाव मांय
पड़तो-घुड़तो
गुड़तो-आखड़तो...
कदास
यूं सपनै मांय
पाछली टांगां माथै ऊभै
हिणहिणाट करतां
धोळे घोड़े नै देख्यो व्हैतो...
पण सपना तौ गैरी गरकाब नींद में पळै
थांनै तो बावळा खरै सांच में जीवणो हो
अर बेरा तूं ई ऊंडै पेट नैं भरणो हो!
म्हैं थारै हाथां माथै, खांधां माथै
गळै अर पेट माथै
ऊबियां निकळियोड़ा गवू देख्या है
भीसम रै उनमांन तीखा साळुवां माथै
सूतो देख्यो है थनै!
अठ तांई के मोरां माथै उखणियां
बोझाळू बोरियां
ताळां वाळा गोदामां में
भरतो देख्यो थनै
हूं
कदास म्हैं थनैं बता सकतो
के 'माईलो' रै उनमान
इण री ई रोटी बणिया करै
अर खाइजिया करै
जिणनै हर दांताळू मिनख खाय सकै
थूं, म्हैं अर म्हारा दादा ठाकर ई!
म्हंनै याद है के अेकदण
म्हैं थनै बा कह्यो
जिण कारणियै
आडै रै ओलै म्हंनै
घड़ी-घड़ी घोखाइज्यो
के-''लालू कदे ई बा नी व्है सकै!''
पण जद के यूं
थारै दो कम पनरै थम्ब आळी झूंपड़ी में
दीय रै मांदै उजास बिचाळै
फाटोड़ी गूदड़ी में
गूंचळी व्हियोड़ो
क्लोरोमाइसटीन रै मादळियां तांई
सीणी-मीणी सरधा लियां
'आह आ' कर रह्यो व्हैला!
ठीक उण वेळा म्हैं
दादा ठाकर रै बाजोट माथै
धरयोडै थाळ में
गुड़दा कपूरिया परोस नै
वाह वाऽ लूट रह्यो हूंला...
कदे भूल रै मिस ई सही
आऽ री ठौड़ वाह कह्यो व्हैतो
अर आज यूं
जद इण सगळे दबदबै नै दफणाय
अकड़यो डील अकास में दीठ कीयां
सगळां सारू सारीसी
अर छेहली ठौड जावतो लागै!
म्हैं हूं के अठी इण पास
दादा ठाकर री व्हिस्की रो काग खोलतां
हां इणनै मुगती कैवै मुगती
बड़बड़ावूं
अर बड़बड़ावतो रैय जावू!!