ईं भौम माथै कर राख्यो है कब्जो
अर आभै रो ई करै धिणाप
बण'र देवदूत अेक्का-दुक्का लोग!
दूजी ठौड़, हाथां में हळ, कस्सी
अर माथै पीड़ री पांड ऊंचाया
फिरै मजूर
भौम ढूंढतो...
पण बीं खातर ना आभै में जिग्यां है
अर ना भौम माथे..!