दिल्ली रै फुटपाथ माथै बैठ्यो मजूर

जद सुणी कै किसान आवै

दिल्ली धरणो देवण

ऊभाणा पगां भाज्यो धरणै री जिग्यां!

पण चाणचकै

काळजै मांय मच्यो घमसाण कै

बां नै मोड़ आऊं पाछा

ईं सूं पैलां कै बां नै हांक देवै

हाकम रा डंडा बकरी भेड़ ज्यूं

क्यूं कै

फुटपाथ माथै अब जिंग्यां

खाली कोनी।

स्रोत
  • सिरजक : प्रियंका भारद्वाज ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
जुड़्योड़ा विसै