छम छम करती, लाजा मरती, बैल चमेली फूलां झरती,

आज बीनणी आई है, सपना सुंदर लाई है।

मन मुसकावै, लुळ लुळ जावै, मैंदी हाथ रचाई है।

झीणीं चूनड़ चंदौ चळकै, बादळ री औटा में पळकै,

साजन रै संग आई है, बेटी आज पराई है,

सखियां गावै, सीख दिरावै, सुंदर यूं सरमाई है।

काजळ टीकी कौर जरी री, पायल री झन्कार परी री,

नैण निरखतां पांव थिरकतां, इमरत रस बरसाई हैं,

सखियां गावै सीख दिरावै, सुंदर यूं सरमाई हैं।

कर सौळा सिणगार चली है, सुवटियै संग आज चिड़कळी,

काळजियै री कौर सिधावै, नैणा पांणी डब डब आवै,

चूनड़ आज औढ़ाई है, मावड़ गळै लगाई है।

हिवड़ै हैज हिलौरा लेवै, सखियां हिळ मिळ झाला देवै,

मायड़ मन में, हिरणी वन में, टोळी सूं टळ आई है,

सखियां गावै सीख दिरावै सुंदर यूं सरमाई है।

छूटौ साथणियौ रौ साथ बाळपणै री भोळी बात,

तीज तैवारां घूमर रमती, पणघट सरवर पांणी भरती,

गीत प्रीत रा लाई है, समदर ज्यूं लहराई है।

ठुमकै चाले मौरणी आ, कौड विधाता कौरणी आ,

सौहनी सूरत मौहनी मूरत, कौयल कूक लगाई है,

आंबा री अमराई आई पाकण रौ संदेस लाई।

मनरी बातां आँख्यां बोलै, नणदल निरखण घूंघट खोलै,

सूरज री परभात आई, सावण वाळी रात छाई,

बिरखा बण नै आई है, धरती री अगन बुझाई हैं।

स्रोत
  • पोथी : इन्दर नै ओळभौ ,
  • सिरजक : अमर सिंह राजपुरोहित ,
  • प्रकाशक : रुचिर प्रकाशन
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