दुसटी आयो चीन सूं, देवण आयो दुक्ख।

मिनख नै थै मारया, लारै पडियो भूख॥

कोराणा रै कारणै, मचियो हा हा कार।

संचेत रैवो साथियों, मत जो घर सूं बार॥

मिलणो नहीं मानखा, अेक दूजा सूं आप।

कोराणा रै काल में,मुखडो बांधो माप॥

मास्क नहीं रै मेलणो, हर धम धोणा हाथ।

आई इळ पर आपदा, सामनो करो साथ॥

सै बदन दुखे साथ रै, खासी बुखार आव।

भोजन नाही भावतो, करोणा लक्षण भाव॥

परदेसा सूं आवता, अळगा राखो आप।

जांस कराया बाद ही, घरा सूं मिलो धाप॥

राज रा राखो कायदा, करो विवाह गाव।

मिनख सबा सूं मोळ रै, अेडो़ पसो आव॥

संचेत रैवो साथियों, सबुन सूं हाथ साफ।

मूडै बांधो मास्क रै,दूरी दो गज नाफ॥

तावड़ा मांय टैलणो, रोज करो सा वैयाम।

पाणी गरम पीवणो, पीवो काडो आम॥

मन नै मोटो मानजो, धीरज मन में धार।

करोणा मिटा कारणै, सबा बडो़ उपचार॥

विवाह गाव मोडणो, इण कोराणा काल।

घूमणो फिरण छोड़जो, करो नियम रा पाल॥

हलका म्है नी हालणो, कोराणा छै काळ।

प्रसासना उभो पगा, राज रा नियम पाळ॥

वैक्सीन पला लैवणी, आयो नम्बर आप।

अपवा सूं अळगा भळा, मिनख हुं दो गज नाप॥

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : रामाराम चौधरी ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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