देख’र
किरड़कांटियो
पड़ ज्यातो सोच में
बाळक मन
किंयां बदळै
चनेक में
ओ रंग?
पण देख’र अबै
मिनखां रो ढंग
हुग्यो
म्हारो इचरज
बेरंग।