फेरूं कुरळाई कुरजां

अर टीटूड़ी री टिंउ-टिंउ...

अरे पालो कोई!

फेरूं चाल पड़ी

प्रेम करण नै

अेक भोळी लुगाई।

स्रोत
  • पोथी : अंतस दीठ ,
  • सिरजक : रचना शेखावत ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन,जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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