दूजा रै खातर
जद ई सोच्यो
खुद आपणै
दिल नै आइनो
बणाणो पड़यो
भूख तिरस खातर
गरीबां रै घरै जाय’र
झांकणो पड़यो
मंजिल पावण खातर
आगै कदम बढायो तो
भीड़ मांय खुद रास्तो
खुद खातर कदैई
फैसलो करणो पड़यो
खुद सूं ई मसवरो
करणो पड़यो।