कविता कर्‌यो विरोध

अन्याय रो, भिसटाचार रो

अपसंस्कृति रो, शोषण रो

एटम रै परीक्षण रो

जणा कविता रा बैरी-

एकठ हू’र दीन्ही कचेड़ी में अरजी

हाकम भेज्यो समन कविता नै

कचेड़ी में राजा दूणै सारू

तारीख पर कविता हुई हाजर

सुणाया पेसकार आरोप

कैयो कविता नै आपरो बयान देवण सारू

कविता कैयो-सै आरोप साचा है

दी जावै सजा

हाकम दियो फैसलो

कविता नै फांसी दी जावै।

स्रोत
  • पोथी : बिणजारो पत्रिका ,
  • सिरजक : कन्हैयालाल सेठिया ,
  • संपादक : नागराज शर्मा