क्यूँ गरजां करो
क्यूँ माथै चढ़ाओ।
माथे चढग्यो तो
उतारणो ओखो हुय जासी।
म्हारी मानो—
जावण द्यो
जठै जावै
पतियारो राखो
ओ पाछो अठे'ई आसी
कठै ढोई है
घर सूं बारै।