लोग कोनी

फगत ‘लेबर’ है बै!

इण उजाड़ मरुथळ

तोपां रै गोळां बिचाळै

सोधता फिरै

बंबां रा खोळ।

ठाह नीं!

कद कोई

जीवतो बंब

धुंवो कर जावै

बां री जिनगाणी।

पेट रै बंदोबस्त सारू

कींकर करता हुवैला बै

काळजो-

इत्तो करड़ो?

स्रोत
  • पोथी : चीकणा दिन ,
  • सिरजक : डॉ. मदन गोपाल लढ़ा ,
  • प्रकाशक : विकास प्रकाशन, बीकानेर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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